पंडित जवाहरलाल नेहरू की कहानी जवाहरलाल नेहरू की बेटी का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू का मृत्यु कब हुआ पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ था जवाहरलाल नेहर
जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे. इनके पिता प्रसिद्ध बैरिस्टर व् समाजसेवी थे . नेहरु जी सम्पन्न परिवार के इकलौते बेटे थे . इनके अलावा इनके परिवार में इनकी तीन बहिने थी. नेहरु जी कश्मीरी वंश के सारस्वत ब्राह्मण थे. नेहरु जी ने देश विदेश के नामी विध्यालयों एवम महाविध्यालयो से शिक्षा प्राप्त की.
जीवन परिचय बिंदु | जवाहरलाल नेहरु जीवन परिचय |
पूरा नाम | पंडित जवाहरलाल नेहरु |
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ | 14 नवम्बर 1889 |
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कहाँ हुआ था | इलाहबाद, उत्तरप्रदेश |
माता-पिता का नाम | स्वरूपरानी नेहरु, मोतीलाल नेहरु |
पत्नी | कमला नेहरु (1916) |
बच्चे | इंदिरा गाँधी |
पंडित जवाहरलाल नेहरू का मृत्यु कब हुआ | 27 मई 1964, नई दिल्ली |
जवाहरलाल नेहरु का राजनैतिक सफ़र एवं उपलब्धियां :1912 में नेहरूजी ने भारत लौटकर इलाहबाद हाईकोर्ट में बेरिस्टर के रूप में कायर्रत हुए. 1916 में नेहरु जी ने कमला नामक युवती से विवाह किया. 1917 में वे होम-रुल-लीग से जुड़ गए. 1919 में नेहरु जी गाँधी के संपर्क में आये जहाँ उनके विचारो ने, नेहरु जी को बहुत प्रभावित किया और राजनीतिज्ञ ज्ञान इन्हें गाँधी जी के नेतृत्व में ही प्राप्त हुआ, यही वह समय था जब नेहरु जी ने पहली बार भारत की राजनीती में कदम रखा था, और उसे इतने करीब से देखा था. 1919 में गाँधी जी ने रोलेट-अधिनियम के खिलाफ़ मोर्चा सम्भाल रखा था. नेहरु जी, गाँधी जी के सविनय-अविज्ञा आन्दोलन से बहुत प्रभावित थे. नेहरु जी के साथ उनके परिवार ने भी गाँधी जी का अनुसरण किया, मोतीलाल नेहरु ने अपनी सम्पति का त्याग कर खादी परिवेश धारण किया. 1920-1922 में गाँधी जी द्वारा किये गये ‘असहयोग-आन्दोलन’ में नेहरु जी ने सक्रीय रूप से हिस्सा लिया. इस वक्त नेहरु जी पहली बार जेल गये. 1924 में इलाहबाद नगर-निगम के अध्यक्ष के रूप में दो वर्षो तक शहर की सेवा की. 1926 में इन्होने इस्तीफा दे दिया. 1926-28 तक नेहरु जी “अखिल-भारतीय-कांग्रेस” के महा-सचिव बने. गाँधी जी को नेहरु जी में भारत देश का एक महान नेता नजर आ रहा था.
जवाहरलाल नेहरु को मिला सम्मान :
1955 में नेहरु जी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत-रत्न’ से नवाज़ा गया.
देश के प्रथम प्रधानमंत्री का चुनाव :
1947 में भारत आजादी के वक्त काँग्रेस में प्रधानमंत्री की दावेदारी के लिए चुनाव किये गये, जिसमे सरदार बल्लभ भाई पटेल एवम आचार्य कृपलानी को सर्वाधिक मत प्राप्त हुए. पर गाँधी जी के आग्रह पर जवाहरलाल नेहरू को भारत का प्रथम प्रधानमंत्री मंत्री नियुक्त किया गया. इसके बाद नेहरु जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने .
स्वतन्त्रता के बाद भारत को सही तरह से गठित कर उसका नेतृत्व कर एक मजबूत राष्ट्र की नीव के निर्माण का कार्य नेहरु जी ने शिद्दत के साथ निभाया. भारत को आर्थिक रूप से निर्भीक बनाने के लिए भी इन्होने बहुत अहम योगदान दिया. आधुनिक-भारत के स्वप्न की मजबूत नीव का निर्माण किया . इन्होने शांति एवम संगठन के लिए ‘गुट-निरपेक्ष’ आन्दोलन की रचना की. इनकी बहुत मेहनत के बावजूद यह पकिस्तान और चीन से मैत्री पूर्ण सम्बन्ध नहीं बना पाए .
जवाहरलाल नेहरु जी की मृत्यु कब हुई एवं कैसे हुई :
नेहरु जी अपने पड़ोसी देश चीन व् पाकिस्तान के साथ संबद्ध सुधारने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे. उनकी सोच थी कि हमें अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना चाहिए, लेकिन 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया, जिससे नेहरु जी बहुत आघात पहुंचा. पाकिस्तान से भी काश्मीर मसले के चलते कभी अच्छे सम्बन्ध नहीं बन पाए.
नेहरु जी की 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से ‘स्वर्गवास’ हो गया. उनकी मौत भारत देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षती थी.
देश के महान नेताओं व् स्वतंत्रता संग्रामी के रूप में उन्हें आज भी याद किया जाता है. उनकी याद में बहुत सी योजनायें, सड़क बनाई गई. जवाहरलाल नेहरु स्कूल, जवाहरलाल नेहरु टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरु कैंसर हॉस्पिटल आदि की शुरुवात इन्ही के सम्मान में की गई.
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