डॉ. भीमराव आम्बेडकर जीवनी : Biography of Bhimrao Ramji Ambedkar

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जीवन कथा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जीवन कथा pdf डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की कहानी भीमराव अम्बेडकर पुस्तकें pdf डॉक्टर भीमराव

     Dr. Bhimrao Ambedkar.jpg


डॉ भीमराव अम्बेडकर जीवन परिचय  -

डॉ भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब नाम से भी जाना जाता है. अम्बेडकर जी उनमें से एक है, जिन्होंने भारत के संबिधान को बनाने में अपना योगदान दिया था. अम्बेडकर जी एक जाने माने राजनेता व प्रख्यात विधिवेत्ता थे. इन्होंने देश में से छुआ छूत, जातिवाद को मिटाने के लिए बहुत से आन्दोलन किये. इन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों को दे दिया, दलित व पिछड़ी जाति के हक के लिए इन्होंने कड़ी मेहनत की. आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू के कैबिनेट में पहली बार अम्बेडकर जी को लॉ मिनिस्टर बनाया गया था. अपने अच्छे काम व देश के लिए बहुत कुछ करने के लिए अम्बेडकर जी को 1990 में देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया.

डॉ भीमराव अम्बेडकर  का जीवन परिचय


पूरा नामडॉ भीम राव अम्बेडकर
जन्म14 अप्रैल 1891
जन्म स्थानमहू, इंदौर मध्यप्रदेश
माता-पिताभिमबाई मुर्बद्कर, रामजी
मालोजी सकपाल
विवाहरमाबाई (1906)


आरंभिक जीवन

अम्बेडकर जी अपने माँ बाप की 14 वी संतान थे. उनके पिता इंडियन आर्मी में सूबेदार थे, व उनकी पोस्टिंग इंदौर के पास महू में थी, यही अम्बेडकर जी का जन्म हुआ. 1894 में रिटायरमेंट के बाद उनका पूरा परिवार महाराष्ट्र के सतारा में शिफ्ट हो गया. कुछ दिनों के बाद उनकी माँ चल बसी, जिसके बाद उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली, और बॉम्बे शिफ्ट हो गए. जिसके बाद अम्बेडकर जी की पढाई यही बॉम्बे में हुई, 1906 में 15 साल की उम्र में उनका विवाह 9 साल की रमाबाई से हो गया. इसके बाद 1908 में उन्होंने 12 वी की परीक्षा पास की. छुआ छूत के बारे में अम्बेडकर जी ने बचपन से देखा था, वे हिन्दू मेहर कास्ट के थे, जिन्हें नीचा समझा जाता था व ऊँची कास्ट के लोग इन्हें छूना भी पाप समझते थे. इसी वजह से अम्बेडकर जी ने समाज में कई जगह भेदभाव का शिकार होना पड़ा. इस भेदभाव व निरादर का शिकार, अम्बेडकर जी को आर्मी स्कूल में भी होना पड़ा जहाँ वे पढ़ा करते थे, उनकी कास्ट के बच्चों को क्लास के अंदर तक बैठने नहीं दिया जाता था. टीचर तक उन पर ध्यान नहीं देते थे. यहाँ उनको पानी तक छूने नहीं दिया जाता था, स्कूल का चपरासी उनको उपर से डालकर पानी देता था, जिस दिन चपरासी नहीं आता था, उस दिन उन लोगों को पानी तक नहीं मिलता था.

स्कूल की पढाई पूरी करने के बाद अम्बेडकर जी को आगे की पढाई के लिए बॉम्बे के एल्फिनस्टोन कॉलेज जाने का मौका मिला, पढाई में वे बहुत अच्छे व तेज दिमाग के थे, उन्होंने सारे एग्जाम अच्छे से पास करे थे, इसलिए उन्हें बरोदा के गायकवाड के राजा सहयाजी से 25 रूपए की स्कॉलरशिप हर महीने मिलने लगी. उन्होंने राजनीती विज्ञान व अर्थशास्त्र में 1912 में ग्रेजुएशन पूरा किया. उन्होंने अपने स्कॉलरशिप के पैसे को आगे की पढाई में लगाने की सोची और आगे की पढाई के लिए अमेरिका चले गए. अमेरिका से लौटने के बाद बरोदा के राजा ने उन्हें अपने राज्य में रक्षा मंत्री बना दिया. परन्तु यहाँ भी छुआछूत की बीमारी ने उनका पीछा नहीं छोड़ा, इतने बड़े पद में होते हुए भी उन्हें कई बार निरादर का सामना करना पड़ा.

बॉम्बे गवर्नर की मदद से वे बॉम्बे के सिन्ड्रोम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एंड इकोनोमिक्स में राजनैतिक अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बन गए. अम्बेडकर जी आगे और पढ़ना चाहते थे, इसलिए वे एक बार फिर भारत से बाहर इंग्लैंड चले गए, इस बार उन्होंने अपने खर्चो का भार खुद उठाया. यहाँ लन्दन युनिवर्सिटी ने उन्हें डीएससी के अवार्ड से सम्मानित किया. अम्बेडकर जी ने कुछ समय जर्मनी की बोन यूनीवर्सिटी में गुज़ारा, यहाँ उन्होंने इकोनोमिक्स में अधिक अध्ययन किया. 8 जून 1927 को कोलंबिया यूनीवर्सिटी में उन्हें Doctrate की बड़ी उपाधि से सम्मानित किया गया.

अम्बेडकर जी की पत्नी रमाबाई की लम्बी बीमारी के चलते 1935 में म्रत्यु हो गई थी. 1940 में भारतीय संबिधान का ड्राफ्ट पूरा करने के बाद उन्हें बहुत सी बीमारियों ने घेर लिया. उन्हें रात को नींद नहीं आती थी, पैरों में दर्द व डायबटीज भी बढ़ गई थी, जिस वजह से उन्हें इन्सुलिन लेना पड़ता था. इलाज के लिए वे बॉम्बे गए जहाँ उनकी मुलाकात एक ब्राह्मण डॉक्टर शारदा कबीर से हुई. डॉ के रूप में उन्हें एक नया जीवन साथी मिल गया, उन्होंने दूसरी शादी 15 अप्रैल 1948 को दिल्ली में की.

दलित मूवमेंट 

भारत लौटने के बाद अम्बेडकर जी ने छुआछूत व जातिवाद, जो किसी बीमारी से कम नहीं थी, ये देश को कई हिस्सों में तोड़ रही थी और जिसे देश से निकालना बहुत जरुरी हो गया था, इसके खिलाफ अम्बेडकर जी ने मोर्चा छेड़ दिया. अम्बेडकर जी ने कहा नीची जाति व जनजाति एवं दलित के लिए देश में अलग से एक चुनाव प्रणाली होनी चाहिए, उन्हें भी पूरा हक मिलना चाहिए कि वे देश के चुनाव में हिस्सा ले सके. अम्बेडकर जी ने इनके आरक्षण की भी बात सामने रखी. अम्बेडकर जी देश के कई हिस्सों में गए, वहां लोगों को समझाया कि जो पुरानी प्रथा प्रचलित है वो सामाजिक बुराई है उसे जड़ से उखाड़ कर फेंक देना चाहिए. उन्होंने एक न्यूज़ पेपर ‘मूक्नायका’ (लीडर ऑफ़ साइलेंट) शुरू किया. एक बार एक रैली में उनके भाषण को सुनने के बाद कोल्हापुर के शासक शाहूकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस बात का पुरे देश में बहुत हल्ला रहा, इस बात ने देश की राजनीती को एक नयी दिशा दे दी थी.

डॉ भीमराव अम्बेडकर राजनैतिक सफ़र -

1936 में अम्बेडकर जी ने स्वतंत्र मजदूर पार्टी का गठन किया. 1937 के केन्द्रीय विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 15 सीट की जीत मिली. अम्बेडकर जी अपनी इस पार्टी को आल इंडिया शीडयूल कास्ट पार्टी में बदल दिया, इस पार्टी के साथ वे 1946 में संविधान सभा के चुनाव में खड़े हुए, लेकिन उनकी इस पार्टी का चुनाव में बहुत ही ख़राब प्रदर्शन रहा. कांग्रेस व महात्मा गाँधी ने अछूते लोगों को हरिजन नाम दिया, जिससे सब लोग उन्हें हरिजन ही बोलने लगे, लेकिन अम्बेडकर जी को ये बिल्कुल पसंद नहीं आया और उन्होंने उस बात का विरोध किया. उनका कहना था अछूते लोग भी हमारे समाज का एक हिस्सा है, वे भी बाकि लोगों की तरह नार्मल इन्सान है. 

अम्बेडकर जी को रक्षा सलाहकार कमिटी में रखा गया व वाइसराय एग्जीक्यूटिव कौसिल में उन्हें लेबर का मंत्री बनाया गया. वे आजाद भारत के पहले लॉ मंत्री बने, दलित होने के बावजूद उनका मंत्री बनना उनके के लिए बहुत बड़ी उपाधि थी.

संविधान का गठन –

भीमराव अम्बेडकर जी को संविधान गठन कमिटी का चेयरमैन बनाया गया. उनको स्कॉलर व प्रख्यात विदिबेत्ता भी कहा गया. अम्बेडकर जी ने देश की भिन्न भिन्न जातियों को एक दुसरे से जोड़ने के लिए एक पुलिया का काम किया, वे सबके सामान अधिकार की बात पर जोर देते थे. अम्बेडकर जी के अनुसार अगर देश की अलग अलग जाति एक दुसरे से अपनी लड़ाई ख़त्म नहीं करेंगी, तो देश एकजुट कभी नहीं हो सकता.

बौध्य धर्म में रूपांतरण –

1950 में अम्बेडकर जी एक बौद्धिक सम्मेलन को अटेंड करने श्रीलंका गए, वहां जाकर उनका जीवन बदल गया. वे बौध्य धर्म से अत्यधिक प्रभावित हुए, और उन्होंने धर्म रुपान्तरण की ठान ली. श्रीलंका से भारत लौटने के बाद उन्होंने बौध्य व उनके धर्म के बारे में बुक लिखी व अपने आपको इस धर्म में बदल लिया. अपने भाषण में अम्बेडकर जी हिन्दू रीती रिवाजो व जाति विभाजन की घोर निंदा करते थे. 1955 में उन्होंने भारतीय बौध्या महासभा का गठन किया. उनकी बुक ‘द बुध्या व उनका धर्म’ का विभोजन उनके मरणोपरांत हुआ.

14 अक्टूबर 1956 को अम्बेडकर जी ने एक आम सभा का आयोजन किया, जहाँ उन्होंने अपने 5 लाख सपोर्टर का बौध्य धर्म में रुपान्तरण करवाया. अम्बेडकर जी काठमांडू में आयोजित चोथी वर्ल्ड बुद्धिस्ट कांफ्रेंस को अटेंड करने वहां गए. 2 दिसम्बर 1956 में उन्होंने अपनी पुस्तक ‘द बुध्या और कार्ल्स मार्क्स’ का हस्तलिपिक पूरा किया.

डॉ भीमराव अम्बेडकर की म्रत्यु –

1954-55 के समय अम्बेडकर जी अपनी सेहत से बहुत परेशान थे, उन्हें डायबटीज, आँखों में धुधलापन व कई तरह की अन्य बहुत सी बीमारियों ने घेर लिया था. 6 दिसम्बर 1956 को अपने घर दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली. उन्होंने अपने जीवन में बौध्य धर्म को मान लिया था, इसलिए उनका अंतिम संस्कार बौध्य धर्म की रीती अनुसार ही हुआ.


COMMENTS

BLOGGER: 2

Name

Biography,69,History,57,INFORMATION,2,Interview,2,Jivni,5,Notifications,1,
ltr
item
Most intelligent person in the world: डॉ. भीमराव आम्बेडकर जीवनी : Biography of Bhimrao Ramji Ambedkar
डॉ. भीमराव आम्बेडकर जीवनी : Biography of Bhimrao Ramji Ambedkar
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जीवन कथा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जीवन कथा pdf डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की कहानी भीमराव अम्बेडकर पुस्तकें pdf डॉक्टर भीमराव
https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/c/c3/Dr._Bhimrao_Ambedkar.jpg/220px-Dr._Bhimrao_Ambedkar.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjGmKt91IByUJ4hdCzW8ZjmdJleakH_56y7CCGk7qCmiHdNRYCMaAuQIh40IZQ1RhApC9ARMitH0TastWmSqc-B-T-5hUbXb-odtgAuKwK35CNfjtP8dlpS09kx-roR0H_qOW_eN2AGM_ti/s72-c/images+%25281%2529.jpg
Most intelligent person in the world
https://biographyofintelligentperson.blogspot.com/2020/05/blog-post.html
https://biographyofintelligentperson.blogspot.com/
https://biographyofintelligentperson.blogspot.com/
https://biographyofintelligentperson.blogspot.com/2020/05/blog-post.html
true
5008523345480757408
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy