श्रीकांत जिचकर की कहानी श्रीकांत जिचकर व आंबेडकर shrikant jichkar history श्रीकांत वर्मा की कृति श्रीकांत वर्मा अपने युग और समाज को किस प्रकार देख
डॉ. श्रीकांत जिचकर भारत के ‘सबसे योग्य व्यक्ति’ के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. आज भी वह ‘सबसे शिक्षित भारतीय’ कहलाए जाते हैं. उनके पास 2 या 4 नहीं बल्कि 20 बड़ी डिग्रियां थीं. वो डिग्रियां जो एक आम इंसान पूरी जिंदगी लगाकर कमाता है. आइए जानते हैं उनके बारे में...
जानते हैं इस करिश्माई शख्सियत के बारे में चौंकाने वाली बातें -
- श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर 1954 को नागपुर में हुआ था.
- डॉ. श्रीकांत जिचकर कई विषयों में रिसर्च कर चुके थे. वह किसान के साथ ही राजनीति, थिएटर, जर्नलिज्म में भी रिसर्च कर चुके थे.
- उन्होंने सबसे पहले एमबीबीएस की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने एमएस की डिग्री लेनी शुरू की, पर बीच में ही छोड़ दिया. इसके बाद वो कानून की पढ़ाई की तरफ मुड़ गए.
- डॉ. श्रीकांत जिचकर ने एलएलबी की पढ़ाई के बाद वो एलएलएम (अंतर्राष्ट्रीय कानून) की पढ़ाई करने लगे. इसके बाद उन्होंने एमबीए की डिग्री ली फिर जर्नलिज्म की भी डिग्री ली.
शिक्षा -
1973 से 1990 के बीच श्रीकांत ने 42 यूनिवर्सिटीज के एग्जाम दिए, जिनमें से 20 में वे पास हुए. यही नहीं, ज्यादातर में वे फर्स्ट डिवीजन से पास हुए और उन्हें कई गोल्ड मेडल भी मिले थे. जिचकर ने आईपीएस का एग्जाम भी पास किया था लेकिन जल्द ही त्यागपत्र दे दिया. उन्होंने आईएएस का एग्जाम भी पास किया था. चार माह बाद उन्होंने त्यागपत्र दिया और फिर राजनीति में आ गए.
कौन-कौन सी थी डिग्रियां -
डिग्रियों की फेहरिस्त की बात करें तो श्रीकांत जिचकर ने कई विषयों में MA की थी. उन्होंने पत्रकारिता के साथ MBA और बिजनेस स्टडी में डिप्लोमा किया था. इसके उन्होंने D.Litt और इंटरनेशनल लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था. डॉक्टर वो Phd के बूते नहीं बल्कि MBBS और MD करने के कारण कहलाते थे. श्रीकांत इतने मेधावी थे कि वो 1978 में IPS और 1980 IAS के लिए भी चयनित हुए थे.
राजनीति में कदम -
इतनी डिग्रियां हासिल करने के बाद श्रीकांत 1980 में IAS के लिए चयनित हुए. अपना मन बदलते हुए उन्होंने महाराष्ट्र से विधानसभा चुनाव लड़ा और अपनी पहली राजनीतिक जीत दर्ज की.
राजनीति में बढ़ी धाक -
अपने ज्ञान और शिक्षा के बूते श्रीकांत ने राजनीति में मजबूत पकड़ हासिल कर ली. जल्द ही उन्हें ताकतवर मंत्रालय भी मिल गया. उनकी योग्यता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उन्हें 14 विभाग सौंप दिए गए थे. 1986 से 92 तक वो महाराष्ट्र विधान परिषद और 1992-98 में राज्यसभा के सांसद रहे. 25 साल की उम्र में वह MLA बन गए थे.
ये हैं उपलब्धियां -
1. Medical Doctor, MBBS and MD
2. Law, LL.B
3. M.A. Public Administration
4. M.A. Sociology
5. M.A. Economics
6. M.A. Sanskrit
7. M.A. History
8 M.A. English Literature
9. M.A. Philosophy
10. M.A. Political Science
11. M.A. Ancient Indian History, Culture and Archaeology
12. M.A Psychology
13. International Law, LL.M
14. Masters in Business Administration, DBM and MBA
15. Bachelors in Journalism
16. D. Litt. Sanskrit
17. IPS
18. IAS
निधन -
2 जून 2004 को श्रीकांत ने दुनिया को अलविदा कह दिया. गपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया था.
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